08-Aug-2018
यह इवेंट दुसरे सभी से भिन्न एक अकृषित पाक से सम्बंधित इवेंट थी। जहाँ न सिर्फ सभी को स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन के बारे में बताया गया, बल्कि भोजन के अपरंपरागत क्षेत्रों की जानकारी भी दी गई। क्या आपने कभी “एलाका चेवुला कुराम (चूहे के कान के आकार के पत्तों के साथ करी)” या “गुनुगु कुरा” के बारे में सुना है,जो अपने वैज्ञानिक “सेलोसिया अर्जेंटीना” के नाम से जाना जाताहै।हैदराबाद के स्थानीय कृषक समुदाय के अनुसार, गुनुगु कुरा अत्यधिकपौष्टिक आहार है और इसका उपयोग कई तरीकों से किया जा सकता है, जैसे की सूप बनाने में, नहाने में, डाइरिया के इलाज के रूप में, घरेलू उपचार और सांप के काटने पर इलाज के रूप में भी इसका उपयोग किया जा सकता हैं|
दिशाज़ बियोंड ऑर्गेनिक एंडडेक्कन डेवलपमेंट सोसाइटी इस “फेस्टिवल ऑफ़ अनकल्टीवेटेड फ़ूड”के द्वारा इसे आयोजितकिया गया|ऐसा आयोजको का दावा हैं कि यह भारत में अपनी तरह का पहला गौरान्वित आयोजन रहा| इसका आयोजन हैदराबाद की एक स्वाधीन जगह “पाक ऑर्गेनिक कैफे एंड कल्चरल स्पेस”में किया गया|
यह त्यौहारखाने लायक पौधों और फसलों के लिए मुख्य रूप से आयोजित किया गया था जिन्हें हम अनजाने में निकाल देते हैं; इसमें ऐसे कई पौधे शामिल थे जिन्हें बिना बीज के भी बोया जा सकता हैं और यह अन्य फसलों की तरह ही व उन्ही फसलों के साथ बढ़ते हैं। इन्हें कम रख-रखाव की जरूरत होती हैं और यह पौधे पौष्टिक पैमाने पर उच्च होते हैं| किसानों का कहना है कि यह एक अकेला पौधा कई सकारात्मक स्वास्थ्य पहलुओं में योगदान देता है।
डेक्कन डेवलपमेंट सोसाइटी के जयसरी चेरुकुरी ने इस बारे में कहाँ कि, "वे मनुष्यों द्वारा खराब की गई ज़मीन पर अपने हक से बढ़ते हैं, वे बाजार में कभी नहीं बेचे जाते हैं, लेकिन बाजारों में बिकने वाली अन्य हरी वस्तुओ के मुकाबले में कई अधिक पौष्टिक होते हैं। शायद वे भगवान की अपनी समाजवादी फसलें हैं; जो गरीबों के लिए सबसे अच्छा पोषण प्रदान करती हैं व समाज को पौषण के मामलो में बराबर का ओहदा प्रदान करवाती हैं। उन्हें पश्चिमी सोच के आधार पर कृषि विज्ञान द्वारा खरपतवार कहा जाता है।"
अक्सर 'गलत जगहों पर सही पौधों' के रूप मेंइनका उपयोग किया जाता हैं| यह पौधेग्रामीण लोगों में चारे के रूप में काफ़ी लोकप्रिय हैं। यह खाद्य उत्सव इन पौधों और पत्तियों द्वारा लोगों को दिलचस्प स्थानीय व्यंजनों के बारे में बताने का एक प्रयास था|
भरत दंतुलुरी, इस तरह के आंदोलन के लिए लंबे समय से वकील हैं और वे पाक कैफे के संस्थापक भी हैं| जिनके द्वारा इस कार्यक्रम की मेजबानी की गई, वे इसे ले कर काफ़ी उत्साहित व खुश थे। "जैव विविधता के नुकसान करने में सबसे बड़ा योगदान मानव की गतिविधियां है। हमें उम्मीद है कि इस तरह की इवेंट्स से हम सभी को जीवन में हमारी बुनियादी प्राथमिकताओं की समीक्षा करने, समझने व हमारे सर्वोत्तम हितों के लिए पौषणीय जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरणा मिलेगी। हमे आश्चर्य हैं कि कैसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी में इतना कुछ हांसिल करने के बावजूद भी मनुष्य प्रकृति को समझने की मूल बातें में असफल रहा हैं। क्या यह हमारे ज्ञान या प्रलोभन की कमी के कारण हैं, जो हमें स्वयं विनाशकारी मार्ग तक ले जाती है?” भरत दंतुलुरी ने इस पर अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया|
इस अकृषित खाद्य पदार्थों के महोत्सव में, स्थानीय किसानों द्वारा मेहमानों के लिए स्वदेशी पौधों और फसलों की लगभग दस किस्मों को पकाया गया। इस कार्यक्रम में जैविक बुफे, फिल्म की स्क्रीनिंग और कुछ विशेषज्ञों के साथ बातचीत भी शामिल रही|
यह भी पढ़े:
केरल विधायक ने बनवाया अनोखा वेडिंग कार्ड!
Editor’s Note:
Share your press releases, upcoming events and event industry related news on editorial@eventaa.com to publish it on eventaa.com.