05-Oct-2018
यूनेस्को महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन फॉर पीस एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट(MGIEP) अभियान के वैश्विक लॉन्च ने दक्षिण अफ्रीका, भारत, पाकिस्तान और मैक्सिको इन चार देशों के युवाओं की भारी भीड़ ने इस लांच में अपनी भागीदारी निभाई, जहां यूनेस्को MGIEP के द्वारा दयालुता पर अंतर्राष्ट्रीय युवा अभियान के तहत सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स(SDP) को भी इन चार देशों को लाइव लिंक के माध्यम से जोड़ कर एक साथ लॉन्च किया गया|
भारत, दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान और मेक्सिको में, युवाओं ने बड़े ही जोरो-शोरो से रक्तदान शिविरों, खाद्य वितरण ड्राइव और सामूहिक सफाई से लेकर और भी कई दयालुता के कार्यो में व गतिविधियों में भाग लिया|
भारत में, यूनेस्को MGIEP’s व इसके लॉन्च पार्टनर, इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी नई दिल्ली द्वारा आयोजित अभियान में 242 यूनिट रक्त एकत्र किया गया| कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज में, हजारों युवा छात्रों को सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स द्वारा विशेष रूप से SDG4 शांति और सस्टेनेबल विकास के लिए शिक्षा से संबंधित सबक दिया गया| कई खाद्य ड्राइव आयोजित करके रॉबिन हूड आर्मी ने 34 भारतीय शहरों और पाकिस्तान में कुल 21 हजार(लगभग) भोजन की सेवाएँ देकर इस अभियान के तहत दयालुता की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया है|
इसके ऑफिशियल दिल्ली लॉन्च इवेंट में युवाओं और पोलिसीमेकर्स, सामाजिक और ग्रह परिवर्तन की उम्र में दयालुता के लिए शिक्षा पर हुए लाइव डिस्कशन में शामिल हुए| ऑफिशियल लॉन्च की शुरुआत नई दिल्ली रेड क्रॉस के अंतर्राष्ट्रीय संघ के प्रमुख श्री लियोन प्रोप ने की थी, जिन्होंने रेड क्रॉस के जन्म के बारे में बात की और सत्ता के सही उदाहरण के रूप में आवश्यकता के समय समाज में इसके असाधारण योगदान के बारे में बताया|
उन्होंने कहा, "यदि आप लीडर बनना चाहते हैं, तो पुल बनें," उन्होंने युवा दर्शकों से उनके कम्फर्ट ज़ोन से बाहर निकलने का आग्रह किया और दयालु होने की भावना पर कार्य करने को कहा|
इस भावना को युवा एम्बेसडर डॉ नेहरिका यादव के द्वारा प्रकाशित किया गया, जो कि भारत की पहली महिला सुपर बाइकर और लिंग समानता(SDG5) की वकील हैं| सीमाओं को तोड़ने और अपने जुनून की कहानी का हवाला देते हुए, युवाओं को दयालुता के कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया|
आज दुनिया में दया की भावना के महत्वपूर्ण पहलु व उसकी आवश्यकता को उजागर करते हुए, यूनेस्को MGIEP के अध्यक्ष डॉ करण सिंह ने कहा:"हम हिंसा के महासागर में रह रहे है जहां दया की भावना अत्यंत आवश्यक हो गई है|"
यूनेस्को MGIEP के निदेशक डॉ अनंथा दुराईप्पा ने कहा, "अगर हम शांतिपूर्ण और टिकाऊ समाज बनाना चाहते हैं तो दयालुता एक आवश्यक व जरूरी शर्त है; हमारी वैश्विक चुनौतियों को हल करना हमारे भावनात्मक मस्तिष्क से नहीं बल्कि हमारी बुद्धिमत्ता से ही होना चाहिए|"
लॉन्च केप टाउन के प्रतिष्ठित सिटी हॉल में हुआ जहां नेल्सन मंडेला ने 1990 अपना पहला सार्वजनिक भाषण दिया था| इस समारोह में 700 से अधिक युवा शामिल हुए; लॉन्च की शुरूआत सुश्री रुचिरा कामबोज, दक्षिण अफ्रीका में भारत के उच्चायुक्त और अफ्रीकी मॉनिटर के निदेशक सुश्री नामला मिकी-मंगलिसो (दक्षिण अफ़्रीकी आइडल के विजेता) ने की थी| पाकिस्तान में, यह लॉन्च इस्लामाबाद में YESPeace पाकिस्तान महोत्सव के एक भाग के रूप में आयोजित हुआ|
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