13-Oct-2018
शनिवार को मुंबई के ब्रेक कैंडी अस्पताल में लीजेंड संगीतकारा अन्नपूर्णा देवी की मौत हो गई| अस्पताल के अधिकारियों ने इसकी खबर दी, जहाँ उन्हें 3.51 बजे मृत घोषित कर दिया|
अन्नपूर्णा देवी फाउंडेशन मुंबई के एक प्रवक्ता ने कहा कि वह पिछले कुछ सालों से अधिक उम्र की वजह से हो रही परेशानियों का सामना कर रही थी व काफ़ी बीमारियों से पीड़ित थीं|
पद्म भूषण पुरस्कार की विजेता, अन्नपूर्णा देवी का जन्म मध्य प्रदेश के माहर शहर में उस्ताद 'बाबा अलाउद्दीन खान’ और ‘मदीना बेगम’ के घर में हुआ था| प्रवक्ता ने बताया कि वह अलाउद्दीन खान और मदीना बेगम के चारों बच्चों में सबसे छोटी थीं| विश्व प्रसिद्ध मास्टर, उस्ताद अली अकबर खान, उनके भाई थे|
शनिवार को मुंबई के ब्रेक कैंडी अस्पताल में लीजेंड संगीतकारा अन्नपूर्णा देवी की मौत हो गई| अस्पताल के अधिकारियों ने इसकी खबर दी, जहाँ उन्हें 3.51 बजे मृत घोषित कर दिया|
अन्नपूर्णा देवी फाउंडेशन मुंबई के एक प्रवक्ता ने कहा कि वह पिछले कुछ सालों से अधिक उम्र की वजह से हो रही परेशानियों का सामना कर रही थी व काफ़ी बीमारियों से पीड़ित थीं|
पद्म भूषण पुरस्कार की विजेता, अन्नपूर्णा देवी का जन्म मध्य प्रदेश के माहर शहर में उस्ताद 'बाबा अलाउद्दीन खान’ और ‘मदीना बेगम’ के घर में हुआ था| प्रवक्ता ने बताया कि वह अलाउद्दीन खान और मदीना बेगम के चारों बच्चों में सबसे छोटी थीं| विश्व प्रसिद्ध मास्टर, उस्ताद अली अकबर खान, उनके भाई थे|
अन्नपूर्णा देवी ने संगीत की शिक्षा अपने पिता से प्राप्त की थी, जिनका भारतीय संगीत में अतुलनीय योगदान रहा व उनका सेनिया-माहर घराना हुआ करता था| जब वह लगभग पांच साल की थी तब से ही उनका प्रशिक्षण शुरू हो गया और उन्होंने सितार से अपने लिए चुने गये वाध्ययंत्र, सुरबहर में स्नातक की उपाधि प्राप्त की|
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनकी मृत्यु पर ट्वीट कर शोक व्यक्त किया|
वहीं राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि, उनका जीवन हमेशा महिला कलाकारों के लिए एक महान प्रेरणा के रूप में काम करेगा|
उनकी शादी सितार में महारथ हासिल कर चुके पंडित रविशंकर से हुई थी और उनका एक बेटा शुभेंद्र शुभो शंकर था, जिनका १९९२ में निधन हो गया था| बाद में उन्होंने प्रबंधन परामर्शदाता रूशिकुमार पंड्या से शादी की, जिनका २०१३ में निधन हो गया|
अन्नपूर्णा देवी ने संगीत की शिक्षा अपने पिता से प्राप्त की थी, जिनका भारतीय संगीत में अतुलनीय योगदान रहा व उनका सेनिया-माहर घराना हुआ करता था| जब वह लगभग पांच साल की थी तब से ही उनका प्रशिक्षण शुरू हो गया और उन्होंने सितार से अपने लिए चुने गये वाध्ययंत्र, सुरबहर में स्नातक की उपाधि प्राप्त की|
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनकी मृत्यु पर ट्वीट कर शोक व्यक्त किया|
वहीं राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि, उनका जीवन हमेशा महिला कलाकारों के लिए एक महान प्रेरणा के रूप में काम करेगा|
उनकी शादी सितार में महारथ हासिल कर चुके पंडित रविशंकर से हुई थी और उनका एक बेटा शुभेंद्र शुभो शंकर था, जिनका १९९२ में निधन हो गया था| बाद में उन्होंने प्रबंधन परामर्शदाता रूशिकुमार पंड्या से शादी की, जिनका २०१३ में निधन हो गया|
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