16-Oct-2018
वैज्ञानिकों ने एक ऐसा कैमरा विकसित किया है जो कि दुनिया का सबसे तेज़ कैमरा होगा, जो प्रति सेकंड 10 ट्रिलियन फ्रेम कैप्चर कर सकता है और जिससे धीमी गति में भी लाइट देखने के लिए टाइम फ्रीज़ करना संभव हो सकता है। यूएस के कैलिफ़ोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों के मुताबिक यह अत्यधिक लाइट या अत्यधिक अँधेरे में पिक्चर्स क्लिक करने के रहस्यों को अन्तर्द्रष्टि देगा|
हाल के वर्षों में, नॉन-लीनियर ऑप्टिक और इमेजिंग के इनोवेशन और उनके बीच के सम्बन्धो ने जीवविज्ञान और भौतिकी में हो रही गतिशील घटनाओं पर सूक्ष्म विश्लेषण के लिए नए और अत्यधिक कुशल तरीकों को एक रास्ता दिखाया है| हालांकि, इन नए तरीकों की क्षमता का उपयोग करने के लिए बहुत ही कम और अस्थायी रिसोल्यूशन पर वास्तविक समय में सिंगल एक्सपोजर में इमेज को रिकॉर्ड करने का एक अलग तरीका होता है| वर्तमान में इमेजिंग की तकनीकों का उपयोग करके, अल्ट्राशॉर्ट लेजर पल्सेस के साथ किए गए माप को कई बार दोहराया जाना चाहिए|
उदाहरण के लिए, लेजर-एंग्रेव्ड ग्लास केवल एक ही लेजर पल्स को सहन कर सकता है, जिससे रिजल्ट्स को कैप्चर करने के लिए एक पिकोसेकंड से भी कम में रख दिया जाता है| ऐसे मामले में, इमेजिंग तकनीक का वास्तविक प्रक्रिया में इस पूरी प्रक्रिया को कैप्चर करने में सक्षम होना चाहिए। कंप्रेस्ड अल्ट्राफास्ट फोटोग्राफी (CPU) एक अच्छा स्टार्टिंग पॉइंट था| प्रति सेकंड 100 बिलियन फ्रेम पर, इस मेथड तक पहुचा गया था, फेम्टोसेकंड लेजर को एकीकृत करने के लिए स्पेसिफिकेशन्स की ज़रूरत थी लेकिन उसमे वैज्ञानिको को सफलता नही मिली। इस कांसेप्ट में सुधार करने के लिए, नई T-CUP प्रणाली कैमरे के आधार पर विकसित की गई, जिसमें टोमोग्राफी जैसे अनुप्रयोगों में उपयोग किए जाने वाले डेटा एक्वीजीशन के प्रकार को भी शामिल किया गया था। अधिक जानने के लिए विडियो देखे|
पहली बार अल्ट्राफास्ट कैमरे का इस्तेमाल किया गया, जिसने वास्तविक समय में एक फेम्टोसेकंड (10-15) लेजर पल्स के अस्थायी फोकस को पकड़कर एक नया आयाम दिया है|
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